Essays on the Rig Veda and its mystic symbolism, with translations of selected hymns.
Essays on the Rig Veda and its mystic symbolism, with translations of selected hymns. These writings on and translations of the Rig Veda were published in the monthly review Arya between 1914 and 1920. Most of them appeared there under three headings: The Secret of the Veda, 'Selected Hymns' and 'Hymns of the Atris'. Other translations that did not appear under any of these headings make up the final part of the volume.
अनुक्रमणिका VI*
(बेद-रहस्यके उत्तरार्द्धके अन्तमें दिये अग्नि-सूक्तों के विशिष्ट शब्दोंके अर्थ)
वैदिक शब्द
हिन्दीमें अर्थ
अंग्रेजीमें श्रीअर. कृत अर्थ
प्रतीक-संख्या
अंहस:
अक्तुभिः
अक्षी
अग्रे
अच्छ
अजर
अज:
अजानन्
अजिरास:
अजुर्यम्
अजुषून्
अतन्द्र:
अतरन्
अतृष्यन्ती:
अत्ति
अत्य:
अत्रिणम्
अदीदे:
अदृप्तः
अद्रिम्
अध
अध्वनः
बुराईसे, पापसे
कार्योंकी कुशलतासे
दो नेत्र
सम्मुख
की ओर
हे जरारहित
अजन्मा
उन्होंनें जान लिया
क्रियाशील
उन्होंने आनन्द लिया
जागरूक
वे पार कर लेते हैं
कामना न करती हुई
वह हड़प कर जाता है
वेगवान् अश्व
भक्षकको
तू जाज्वल्यमान हो
गर्वपूर्ण अविवेकसे रहित
पहाड़ी चट्टान को
पर्वतको
तब, इसलिए
मार्गों को
from the evil
by the keenness of actions
eyes (two)
in front
towards
ageless
the unborn
they knew
active
unaging
they took joy
sleepless
(they) pass beyond
not greedy
he devours
charger
(to) eater (of being)
devourer
(thou shouldst) burn bright
one without proud rashness
(to) mountain rock
the mountain
then,
so
the paths
I.
36.
72.
127.
71.
67.
140.
65.
69.
73.
14
16
10
3
9
8
4
1
20
2
6
7
* इस अनुक्रमणिका में अंग्रेजी अर्थ में कोष्टक के अंदर लिखा गया (to) द्वितीत्या विभक्त का सूचक है |
५०५
अनवद्यम्
अनवद्या
अनुग्मन्
अनुविष्टे
अन्त-विद्वान्
अपसः
अपांसि
अपिधीन्
अप्तस्वतीषु
(उर्वरासु)
अप्रायुषे
अप्सु
अभि जुगुर्या:
अभिज्ञु
अभिद्यव:
अभिसस्ते:
अभिश्वसन्
अभिसवन्ते
अभि सन्
अभीके
अभ्राट्
अभ्वम्
अमति:
अमम्
अमवन्त:
अमूरा:
निर्दोष
उन्होंने अनुसरण किया
वह आतुर है
अन्तर्यामी ज्ञाता
कार्यरत शक्तियाँ
कार्य
अर्पितकी हुई,
रखी हुई वस्तुओं को
हमारे श्रमसे पूर्ण
(उपजाऊ भूमियोंके ऊपर)
अविनाशी जीवनके लिए
चैतन्यकी धाराओंमें
तू चारों ओरसे प्रकाशभान कर दे
आगे घटने टेककर
प्रकाशसे परिवेष्टित
आघातका
उच्छ्वासपूर्वक उत्कंठित होता हुआ
वे दृढ़तासे जुडी हुई हैं
अभिमुख होता हुआ
मिलनमें
वह प्रखर रूपमें प्रदीप्त होता है
स्थल सत्ता को
तेज
बल को
बलशाली
ज्ञानी
faultless
blameless
they followed
he hunger
the knower within
the powers at work
works
the things laid upon (him)
(over lands)
full of our labour
for undeparting life
into the Waters
mayst (thou) bring
knelt (before him)
those with illumination
of the hurt
panting
they cleave to
being turrned towards (us)
in (their) meeting
he blazes
(to) being of thickness
splendour
(to) strength
forceful
the wise
68.
70.
66.
5
13
५०६
अमृतम्
अमृतासः
अयते
अरणिभिः
अरम्
अराधि
अराव्णः
अगरुखणम्
अरुण्यः
अरुषम्
अरुषिः
अरुषीम्
अर्चयः
अर्य:
अर्वद्धिः
अर्हणा
अव:
अव-अस्य
अव त्सरत्
अवनिम्
अवसे
अविन्दन्
अशंसन्
अश्नुवत्
अश्याः
अश्युः
अमरताको
अमर देव
वह हटता है
गतियोंसे
पर्याप्त
उसने संसिद्ध किया है
आनद-विरोधीका
गुलाबी रंगको
अरुण रंगवाली (गौएं)
रक्तवर्ण, क्रियाशील
अरुणवर्णवाली
घोडियां-अश्व-शक्तियां
अरुण वर्णवाली
ज्वालाएं
प्रभुत्वशाली
यद्धके घोड़ोंके द्वारा
उचित क्रियासे संपन्न
सुखकी ओर
दूर रखकर
सरकता हुआ नीचे आया
सत्ताको
संरक्षण पानेके लिए
वे पा लेते हैं
वे उच्चारण कर लेते हैं
वह उपभोग करता है
वह प्राप्त कर लेता हैं,
अधिकृत कर लेता है
वे उपभोग करें,
अधिकृत कर लें
immortality
immortals
goes back
by (his) movements
sufficient
he has achieved
of the undelighting
to rosy hue
the red ones
red active
ruddy (mares)
flushing red
flames
master
by (our) war-horses
having its due action
towards the happiness
casting away
the came down
to being
for safeguarding
they found
have uttered
one enjoys
he attains, may
attain, may take possession of
may they enjoy,
may they possess
1.
15
५०७
अश्व:
असमनाः
असूदयन्त
अस्ता इव
अस्तु:
अस्तृतम्
अहन्
अव्हे
आ
आजूव्हानस्य
आत इत्
आदत्
आददिः
आननट्
आनुषक्
आपः
आपप्रिवान्
आप्यम्
आयवे
आयु:
आर्तनासु
आविवासति
आशये
आशवः
जीवनका अश्व
कंपायमान
उन्होंने पथपर वेगसे परिचालित किया
तीर छोड़नेवाले धनुर्धरकी तरह
धनुर्धारीका
अजेय
तूने प्रहार किया
मैं पुकारता हूं
आहुतिके रूपमें उडले गये (घृतका)
इसके बाद ही
वह भक्षण करता है
ग्रहण करनेवाला
आयी
अविच्छिन्न परंपरा
जलधाराएं
प्रिरीपूरित करता हुआ
क्रियाशीलता
आगमनके लिए
जीवन
बंजर भूमियोंपर
वह पास पहुचता है
वह उपभोग करता हैं
या (उनके साथ) स्थित होता हैं
वेगशाली अश्व
the steed of life
unharmonious
hey sped (them) on the way
like one shooting arrows arrows
of the archer
unconquerable
thou hast smitten or slain
i call
(of the offering of light) poured as an oblation
then indeed
one who accepts or takes
come
an unbroken succession
waters
filling
effectivity
for coming
life
over (our) waste land
he approaches
he enjoys
or lieswith them
swift steeds
12.
12
५०८
आसत्सि
आसया
आसा
आहुतः
आहूय:
इ
इत्
इद्धम्
इन्धते
इभ्यान्
इमसि (आ)
इषम्
इषे
इष्टनिः
इहि
ई
ईधे
ईम्
ईरते
ईळते
ईळितः
ईळे
ईशत
ईशे
(अपना) स्थान ग्रहण कर
उपस्थितिमें
मखके द्वारा
आहुतियोंसे पुष्ट
वह जिसे हमें अपन अंदर पुकारना चाहिये
सचमुच ही
प्रदीप्त
वे पूरी तरह प्रज्वलित करते हैं
शत्रुओंको
हम (निकट) आते हैं
बल, प्रेरणाशक्तिको
प्रेरक शक्तिके लिये
वेगसे सांय-सांय करती हुई
आ पहुंच
उसने प्रज्वलित किया हैं
वह
इसको
बे बढ़ते हैं
वे पाना चाहते हैं
स्तुति किया हुआ
मैं उपासना करता हूं
वह शासन करे
वह स्वामी है
take (thy) seat
in (whose) mouth
with the mouth
fed with offerings
one whom we must call in
verily
kindled
they light entirely
(to) enemies
we come to
(to) the force
for impelling force
hurry over
arrive
he has kindled
It
him
they speed
they desire
adored
I adore
he may have mastery
he is the master
127
13.
11
2,3
५०९
उ
उक्थम्
उक्षितः
उग्रः
उच्छन्ती
उप
उप-आसते
उपक्षेति
उपरासु
उप वोचन्त
उपस्तुतम्
उपस्थात्
उर्वरासु
उशतीः
उषर्बुधे
उस्राः
ऊ
ऊधः
ऊर्णोत् (वि-)
ऊर्वम्
ॠ
ऋच:
ऋता
ऋतात् अधि
ऋषूणाम्
ए
एवैः
वाणी
सत्तामें वर्धित होकर
शक्तिशाली
दमकती हुवी
निकट
तू निकट पहुंच
वे उपासना करते हैं
वह निवास करता है
ऊर्ध्वतर स्तरोंपर
वे वाणी उच्चरित कर चकते हैं
स्तुतिसै संतुष्ट करनेवालेको
वह पहुंचता है
उपजाऊ भमियोंपर
कामना कईरती हुई
उषामें जागनेवालेके लिये
चमकते हुए गोयूथोंको
स्तन
वह प्रकट कर देता है
विशालताको
पूर्णता-साधक ऋचाएं
सत्यकी वस्तुओं को
सत्यके आधारपर
ज्ञानियोंका
word
increased in being
puissant
shining out
near to
(thou) approach
they adore
he inhabits
on the upper levels
they have spoken
(to) one who has confirmed him by the songs of praise
he reaches
over fertile lands
desiring
for the waker in the Dawn
(to) shining herds
teat
he uncovers
(to) the wideness
fulfilling words
to things of the truth
upon truth
of the wise
by movements
I
19
17
५१०
ऐनोत् (प्र-)
ओजायमानः
औ
और्णोत् (वि-)
क
कः
कनीनाम्
कम्
करिक्तः
कविक्रतुः
काव्या
कीस्तासः
कृण्वत्
कृण्वानासः
कृपा
कृष्टयः
कृष्णप्रुतौ
कृष्णसीतासः
केतु
केतुना.
केशिनी:
ॠतुः
वह आगेकी ओर प्रवाहित करता है
शक्तियोंको प्रकट करता हुआ
वह पूरी तरह खोल देता है
उसने बना दिया
कन्याओंका (अप्रकट शक्तियोंका)
आनन्दको
निर्माण करते हुए
क्रान्तदर्शी संकल्प
द्रष्ट्ट-प्रज्ञाओंको
कीर्तन करनेवाले
उसने निर्माण किया
निर्मित करते हुए
प्रभा के साथ
स्पृहाके साथ
कर्मके कर्ता
अंधकारमय पथपर
अंधकारमय और प्रकाशमय
अंतर्ज्ञानमय चक्षु
प्रत्यक्षज्ञानयुक्त मनके द्वारा
लहराते केशकलाप से युक्त
संकल्प
he sends in his front
putting out his forces
he flings wide open
he had made
of the virgins
(to) bliss
creating
the seer-will
(to) seer-wisoms
bards
they made
making
with lustre,
with longing
doers of action
on (their) dark path
dark and bright
eye of intuition
by the perceiving mind
those who have flowing tresses
will
५११
क्रत्वाः
क्षप:
क्षपावान्
क्षरन्ति
क्षाम्
क्षासु
क्षितीनाम्
क्षेम:
क्षोदः
ग
गव्यम्
गातुम्
गाव:
गुहम्
गृध्नू:
गृभायति (सं-)
गविष्टिषु
गोषु
ग्रहणवत्
ध
धना
घृतपृष्ठम्
घृतस्य
घृताहवन
संकल्पसे
रात्रियां
रात्रिका स्वामी
वे प्रवाहित हो उठती है
पथ्वी को
भूमिकाओंमें
प्रजाओंके
कुशल-मंगल
बह रही
रश्मि-रूपी गौओंके यूथ को
पथ को
रश्मिरूप गौएं
गुप्त स्थान को
अँधिकृत करनेको आतुर
वह पूरी तरह अधिकृत कर लेता है
गौओंकी चरागाहोंमें
सूर्य-रश्मियोमें
वह अधिकृत कर लेता है
धनाघन पड़ती चोटों के द्वारा; बादल
निर्मल आहुतिओंसे सींचे हुए(आसन)को
प्रकाशरूप हवि का
हे मनकी निर्भलताकी भेंटोंसे पुकारे जाते हुए
by will
nights
master of the nights
they flow
(to) earth
in planes
for the people
welfare
running in its channel
to mass of ray-cows
(to) path
ray-cows
(to) secrecy
hungry to seize
he seizes utterly (on them)
in the pastures of the kine
in the ray-cows, the shining herds of the
Sun
he grasps
as with thick falling blows; clouds
(to the seat) sprinkled with clear offering
of the offering of light
O one who is called by the offerings of clarity
५१२
च
चक्राणः
चरथम्
चराथा
चारु
चिकिते
चिकित्वः
चिकित्वान्
चिकेत
चित्
चित्ति:
चित्र:
चित्रम्
चृतन्ति (वि-)
छ
छाया इव
ज
जग्धम्
जनयः
जरते
जरिमा
जहि (वि-)
जानती:
जामिभिः
जायुः
जिन्वन्
जिव्रेः
जुनासि
निर्माण करता हुआ
जंगमको
गतिके द्वारा
सौंदर्यको
वह जाना गया है
हे चिन्मय देव !
प्रत्यक्ष अनुभवसे युक्त
उसने देख लिया है
भी
ज्ञान
अद्भुत ढंगसे नानारूप
चित्रविचित्र रंगोंके साथ
वे प्रदीप्त कर लेते हैं
छायाके समान
खाया गया
माताएं
वहस्तुतिगान करता है
बढ़ापा
तितर-बितर कर दे
ज्ञानसे संपन्न उनको
साथियों द्वारा
विजेता
उन्होंने सुख दिया
वयोवृद्धसे
तू वेगसे ले चलता है
fashioning
(to) that which is mobile
by movement
(to) beauty
it has been perceived
o thou who art conscious
one who has
perceived
he has perceived
even
knowledge
wonderfully manifold
in rich hues
they kindle
like a shadow
eaten
mothers
he chants
age
scatter utterly (to very side)
to those who know
with companions
conqueror
they gave (him) pleasure
from long-lived
(thou) speedest
५१३
जुवः
जुषन्त
जुषस्व
जुष्टानि
जूतये
जूर्णिः
जेन्यः
ज्योतीरथम्
ज्रय:
त
तक्वा
तनूनपात्
तन्वः
तपुर्जम्भ
तष्टान्
तस्तम्भ
तस्थिवांसम्
तायुः
तारीत्
तितिर्वासः
तुरासः
तुविस्वनिः
प्रेरणाएं
वे सहर्ष अनुसरण करते हैं
स्वीकार कर
प्रीतिपूर्वक स्वीकार्य
प्ररणा प्राप्त करनेके लिए
स्तुतिगान
शक्तिमय प्रभु,
जिसका रथ ज्योति ही है उसे
आनन्द
सरपट दौड़नेवाला (घोड़ा)
हे देहके पुत्र !
शरीरोंको
हे शतरुओंकी शक्तियों को निगल जानेवाले, दुख-संतापका हरण करनेवाले
रचित (मंत्रोंको)
उसने थाम रखा है
स्थित (को)
चोर
वह संपन्न और समृद्ध करता है
वे जो जीत कर पार कर चुके हैं
यात्रामें तीव्र वेगसे बढनेबाले
अनेक ध्वनियोंसे युक्त
impulsions
follow with pleasure
accept
acceptable
for (his) urge
one who chants the adoration
strong master
to one charioted in light
delight
galloper
o son of the body
(to) bodies or forms of things
o devourer of their force, or destroyer
of affliction
formed
he has up-pillared
to one standing
thief
he increases
those who have broken through
those who are swift to the journey
many-noised
५१४
तृषुच्युतम्
त्रिवृत्
त्वा-ऊता:
त्विषिः
द
दंसः
ददशानः
दधुः (नि-)
दमनाः
दम्पतिम्
दयस्व
दविधाव
दस्यवे
दाशात्
दाशा
दाष्टि
दिद्युत्
दिद्युम्
दिधिषाय्यः
दिधिष्वः
दिवातरात्
दीदिवः
दीदिहि
दीदेथ
दुः
दुरः
वेगयुक्त गति करनेवालेको
त्रिविध
तुझ द्वारा सुरक्षित
तेजोमय बल
प्रत्यक्ष गोचर होता हुआ
उन्होंने स्थापित किया
अंतर्यामी
घरके स्वामीको
प्रदान कर
उछालकर मारता हैं
शत्रुके विरोधमें
वह दे देता है
पूजाके द्वारा
वह देता है
ज्वालामय बाण
विद्युत्के बाणको
अवलंब,
विचारमेधारणकरनेयोग्य
विचारशक्तिसे संपन्न
दिनकी अपेक्षा
हे देदीप्यमान (देव)
भास्वर रूपमें प्रज्वलित हो
अत्यंत उज्ज्वलरूपमें प्रज्वलित हो
वे देते हैं
द्वारों को
to one rushing swiftly
triple
safe-guarded or upheld by thee
flaming energy
work
becoming visible
they have founded,
they set
dweller within
to master of the house
give
he tosses
against the foe
he gives
by (their) worship
gives
flaming shaft
to arrow of lightning
support, one to be
upheld in thought
having the understanding
than in the day
o shining one
burn bright
mayst thou burn
they give
(to) doors
18
५१५
दुरोकशोचिः
दूत्यम्
दूरेभाः
दृशीके
देवतातये
देवभक्तम्
देवयानान्
देववीतये
देवहूतिभिः
देव्यम्
दोषावस्तः
द्यावाक्षामा
द्युभक्ताः
द्युम्नितमः
द्युम्नी
द्रुहन्तरः
एक एसे घरमें जिस में वास करना कठिन है वह ज्योतिःस्वरूप हैं, या वह एक ऐसी ज्योति है जिसे प्रदीप्त करना कठिन है
दूतकार्य को
वह जिसकी ज्योति दूरातिदूरसे दृष्टिगोचर होती है
अभिव्यक्तिमें
देवोंके निर्माण के लिए
देवोंके द्वारा वितरित या आस्वादित (ज्ञान को)
देवताओंकी यात्राके मार्गों को
देवोंके दिव्य जन्म के लिए
देवोंका आवाहन करनेवाली दिव्य ऋचाओंके साथ
दिव्य अवस्थाको
अंधकार और प्रकाशके समय
द्युलोक और पृथिवीलोकको
द्युलोक लोकमें उपभोग की गई या उससे विभक्त की गई
अत्यंत ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय उर्जा-शक्ति
हानि पहुँचानेकी इच्छा करनेवालों का विदारक
he is light in a house difficult to inhabit, or
a light difficult to kindle
(to) embassy
one whose light is seen from afar
in the manisfesting
for the forming of the gods
(to the knowlede ) distributed or enjoyed by the gods
(to) the paths of the journey of the gods
for the birth of the gods
with the divine hymns that summon the
gods
(to) divine state
in the night and in the light
(to) heaven & earth
enjoyed in heaven, or shared by heaven
most luminous
luminous energy
one who cleaves through those who would hurt
५१६
धनयन्
धनस्पृतम्
धा: (वि)
धात्
धियंधाः
धिषे
धीराः
धुः (सं-)
ध्रुवासु
ध्वसयन्तम्
न
नकि:
नक्तम्
नक्षन्ते
नभ:
नम:
नमस्विनः
नम्नते
नर्या
नववास्त्वम्
नानदत्
नित्य-अरित्राम्
उन्होंने समृद्ध किया
ऐश्वर्यको अधिकृत करनेवालेको
व्यवस्था कर
वह थामे हुए है
विचारको धारण किये हुए
तू स्थापित करता है
विँचारक
उन्होंने संयुक्त कर दिया
शाश्वत (लोकों) मे
ध्वंस करनेवालेको
जैसे कि
नहीं
कोई भी नहीं
रात्रिमें
वे पास आते हैं
कोहरा
समर्पणरूप नमन
नमन व स्तवन
आत्मसमर्पणकर्ता मनुष्य
वह नत होता है
देवत्वकी शक्तियोंको
नये निवासस्थान की ओर
वह उच्च स्वरसे पुकारता हैं
नित्य विकासमय गतिके साथ यात्रा
करनेवाली नौकाको
they enriched
(to) seizer of wealth
ordain
he upholds
upholding he thought
thou establishest
the thinkers
they joined
in the abiding worlds
to one destroying
like
not
none
in the night
they come to
mist
obeisance of surrender
adoration
men who have attained submission
he bends down
(to) powers of the godhead
(to) a new dwelling
he cries aloud
(to a ship travelling )
of motion
.
५१७
निमिषि
नि-रिणाति
नि:सहमानः
नि-सिक्तम्
निहिता
नीची:
नृम्णा
नेदिष्ठम्
नेमधिता
प
पतिजुष्टा
पद्वतीमू
पदव्यः
पनवा
परावता
परिचरन्ति
परिजर्भुराणः
परिज्मानम्
परिभुवत्
परिष्टिः
परि सन्तम्
पशः
पितूनाम्
पिपेश
(उसकी) दृष्टिमें
विदारित कर देता हैं
सामर्थ्यसे अभिभूत करता हुआ
ढाला गया
अंदर रखी हुई
नीचेकी ओर अवतरित होती हुई
बलोंको
अत्यंत निकट
उच्चतर गोलार्द्धको धारण किये हुए
पतिकी प्रिय
याता करनेवालीको
(उसके) पथपर चलते हुए
प्रयाससे,
स्तुतिसे
परेके लोकसे
वे सेवा करते है
चारों ओरसे घेरे हुए
चारों ओरसे व्यापे हुए (उसको)
बह चारों ओरसे व्यापे हुए हैं
सब ओर विद्यमान (उसको)
गौ
आनंद-मदिरा के धूंटोंके
वह निर्मित करता है
In (his) gaze
he tears
overwhelming with force
was cast
hidden
downward
(to) mights
most near
by (his) holding of the upper hemishere
beloved of her lord
to one travelling
treading on (his) track
by (their) toil,
by (their) chant
from the supreme beyond
they serve
encompassing (us)
to one who encircles all
he envelops
Encompassing
to one who is all around
cow
of the draughts of wine
he has formed
27.
५१८
पीपयन्त
पुरःसदः
पुरुक्षुः
पुरुप्रशस्तः
पुरुप्रियम्
पुरोहितम्
पूर्धि
पृक्षः
पृशन्यः
प्र-अवन्तु
प्र-अविता
प्रगाहते
प्रजभ्रिरे
प्रति स्म
प्रदीदियुः
प्रयसा
प्रसूषद
प्राचाजिह्वम्
प्रियधामाय
प्रियात्
प्रेय:
बर्हिषि
बृहतीः
वृहद्धानो
बोधय वि-
उन्होंने पुष्ट किया
सामने बैठे हुए
अनेकानेक ऐश्वर्योंका
धाम
विविध रूपसे
अभिव्यक्त
बहुविध अभिव्यक्तिके
प्रमपात्र उसको
(यज्ञके) पुरोहितको
परिपूर्ण बना
तृप्तियां
पूर्ण स्वरूप
घनिष्ठ संपर्क रखता हुआ
व प्रीतिपूर्वक सेवन करें
रक्षक
वह प्रवेश करता है
उन्होंने धारण किया
विरोध कर
वे देदीप्यमान हो उठें
आनंदके द्वारा
माताओंमें
जिसकी जिह्वा ऊपर-
की ओर उठी हुई है उसे
आनंद ही जिसका
धाम है उसके लिये
आनंदपूर्ण सत्तासे
बृहत्तर आनन्द
पवित्र कुशापर
बृहत्
हे विशाल दीप्तिवाले !
जगा दे
they have fed us
(with their milk)
sitting in our front
housing a multitude
of (riches)
manifoldly
expressed
to one in whom are
many things dear
(to) vicar (of the
sacrifice)
complete
satisfactions
fullness
one close in touch
may they cherish
protector
he enters
they bore impetuously
do thou oppose
may they blaze forth
by delight
in the mothers
to one whose tongue
is lifted upwards
for one whose
abode is bliss
out of blissful
greater bliss
on he holy grass
vast
o vast of lustre
awaken
73
५१९
भक्तम्
भजन्त
भद्रम्
भर (आ)
भरन्तः
भिक्षमाणा
भीम:
भुज्म
भूषन्
भृगवाणः
भोजते
म
मधवस्तु
मधवन्
मथीः
मदः
मन्द्र:
मनीषा
मन्ये
ममृशत्
मम्रुषी:
मर्षिष्ठाः
मह्ना
मातरिश्वा
सेवन किये हुए
(सुरव) की ओर
वें प्रसन्नुतापूर्वक भजन करते हैं
कल्याणकारी भलाई को
लें आ
वहन करते हुए
भिक्षा मांगते हुए
भयंकर
उपभोग करने योग्य
अपना रूप धारण करना
चाहता हुआ
देदीप्यमान द्रष्टा
वह उपभोग करती है
पूर्ण ऐश्वर्यकी
अवस्थामें
हे प्रचर ऐश्वर्य के
अधिपति !
मथकर प्रकट कर
हर्षोल्लास
आनंदोल्लसित
विचारशील मनके
द्वारा
मैं ध्यान करता हूं
वह स्पर्श करता है
मरने ही वाली
भला दे, उपेक्षा कर,
मिटा दे
महिमासे
जीवन-प्राण
to that which is
enjoyed
they enjoy
(to) happy good
bring (to us)
carrying
asking for, praying
for
terrible
enjoyable
one who would
become
Flaming seer
enjoys
In fullness
o Lord of plenty
churn out
rapture
rapturous
by the thinking
mind
I meditate
he touches
those who are about
to perish
mayst thou forget
or neglect or wipe out
with the greatness
the life-breath
71
५२०
मारुतम्
मिनाति
मियेध्य
मुमुक्ष्वः
मृष्ट (नि-)
य
यजिष्ठम्
यज्ञासः
यन्तः
यमते
यव्यम्
यहविः
याता इव
योनौ
र
रक्षस्विनः
रघुद्रुवः
रघु-स्वदः
रत्नधातमम्
आधी-तूफानोकी या प्राणशक्तियो की
वह क्षीण कर रहा है
हे यजनीय !
मुक्तिकी कामना करनेवाली
वह आलिंगनमें जोरसे कस लेता है
यज्ञ करनेके लिए अत्यंत शक्तिशाली (तुझ) को
यज्ञके स्वामी
प्राप्त करें
श्रम किये चलता है
शक्तिको
धावा बोलनेवाले
आक्रामककी तरह
घरमें
सीमामें बंधने-वालोंको, अवरोधक
शक्तियोंको
तीव्रगति देनेवाली
द्रुतगामी
जो आनंदैश्वर्यको अत्यधिक प्रतिष्ठित करता है उसको
of or belonging to the strom-winds or Life-
Powers
it diminishes
(Thou) of the sacrifice
those which desire freedom
he engirdles & crushes in his embrace
to one most powerful sacrifice
masters of sacrifice
they may reach
he toils on
mighty
like assailant char-
ging
in the abode
(to) those that confine, to powers
detain who
swift hastening
rapid
(to) one who most founds the ecstasy
५२१
रपांसि
रयिम्
रवेण
रसम्
राय:
रासि
रिरिक्वांसः
रिहन्
रिषत:
रुक्मी
रुजन्
रेभः
रेभरे
रेरिहत्
रोधत्
रोरुवत्
व
वनसे
वनिनः
वनिषीष्ट
वनयाम
वयः
वयोधाः
वरम्
पापकी शक्तियोंको
ऐश्वर्यको
रवसे
सार-रसको
ऐश्वर्य
तुम प्रदान करते हो
रिक्त करते हुए
फाड़ता हुआ
द्वेषियोंको
स्वर्णमय
उन्होंने छिन्नभिन्न कर दिया
स्तोता
दे पूर्ण आनंद लेती हैं
वह सब कुछको पार कर लक्ष्य तक जाता है
वह धारित करता है
हुंकार मारता हुआ
तू जीत लेता है
आनंदप्रद पदार्थोंको
वह आस्वादन करता हैं
हम जीत लें
विकासको
बल स्थापित करता है
परम कल्याणको
(to) the powers of evil
(to) the felicity
(to) treasure
with (their) cry
(to) sap of essence
riches
thou givest
making (themselves) empty
tearing
(to) haters
golden
they shattered
one who chants adoration
they take utter delight
he breaks through to the goal
he holds up
bellowing
thou winnest
(to) delightful things
may we conquer
(to) wideness
(to) growth
founds our strength
(to) supreme good
५२२
वराते
वर्तनी: (अनु)
वर्प:
वन्ने
वसुम्
वाघद्धिः
वाजम्
वातज्ताः
वारणः
वासय
विक्षु
विट्
विदाः
विधतः
विप्रम्
विभावा
विरुक्मता
विवाय (आ-)
विश्वायुः
विष्वक्
विस्तिरः
वीतये
वह रोक सकता है
मार्गोको
रूपको
उसने जीत लिया
ऐश्वर्य-निधिको
गीतोंसे
प्रचुर ऐश्वर्य को
वस्तुमात्रकी जीवन-शक्तिके द्वारा परिचालित
घेर लेनेवाला
परिवेष्टित कर दो
प्रजाओंमें
प्रजा
सम्यक् विभाग कर,
प्रदान कर या प्राप्त कर
उपासकके
ज्योतिर्मय देवको
विशाल दीप्तिवाला
अति भास्वर
व्यापक रूप से देदीप्यमान (शक्ति) के द्वारा
वह जाता है
विश्वमय जीवन
पूरी तरह या
चारों ओरसे
व्यापक रूपसे
विस्तृत होता हुआ
आनन्दोपभौगके लिए
shall hedge
To the paths
(to) form
he has won
(to) the treasure
with (our) chants
(to) plenitude
driven by the breath of things
the coverer, one who engirdles
clothe
among the folk
creature
distributes
impart or gain
of the worshipper
to one illumined
one with wide lustre
very bright
with wide-shining
(energy)
he goes
universal life
utterly or to every
side
wide-extended
for enjoyment
५२३
वृक्तबर्हिषे
वृजनानि
वृथा
वृषा
वधः
वेविजे
वेविदानाः
व्रता
श
शकेम
संभु
शर्म
शासम्
शासुः
शिशीते (अति-)
शिशुमतीः
शचिः
शुम्भते
शुशुक्वान्
शरुधः
शुष्मिन्तमः
शेवः
शोचिःकेशम्
श्यावीम्
श्येतः
श्रवः
उसके लिए जिसने पवित्र आसन बिछा रखा है
दृढ स्थानों को
मंद गतिसे
उपभोक्ता
हे पदार्थमात्रके विधाता
वह गति करनेकी शक्ति देता है
खोज निकालते हुए
कर्म के नियम
कम-प्रणालियों को
हम समर्थ हों
आनंद-दायक
आश्रय-धाम
शिक्षा को
शासन
वह आगे बढ़ जाता है
बालबुद्धिवाली
शुद्ध-पवित्र
वह आनंद देता है
देदीप्यमान होता हुआ
अत्यंत शक्तिशाली
आनन्दपूर्ण
प्रकाश-ज्वाला-रूपी बालोवाले को
धूमिल (उषा) को
शुभ्र
अंतः प्रेरित ज्ञानको
for one who spreads the holy
(to) strong places
lightly
enjoyer
o ordainer of things
he gives energy of movement
discovering
the laws of action,
to the ways of workings
may we have the strength
bliss-giving
houses of refuge
(to) teaching
the command
he exceeds
those that are infant minds
pure-bright
he gives joy
blazing out
(to) strengths
most powerful
blissful
to one with hair of flaming light
dusky
white
(to) inspired knowledge
3.
५२४
श्रीणन्
श्रुवत्
श्रुष्टिम्
श्रुष्टीवान:
श्वसीवान्
स
सक्षितौ
सचस्व
सत्यधर्माणम्
सत्यमन्मा
सनिता
सपन्तः
समत्सु
समया
समृतौ
संमाय
सस्तिरः
सस्रुः
सहः
सातौ
सीम्
स्वाधीः
सूपायनः
(सु-उपायनः)
स्तनयन्
स्तुभ्वा
प्रज्वलित होता हुआ
वह टूटकर टुकड-टुकड़े हो जाती है
अंतःप्रेरणा को
जो (तेरा) शब्द सुनते हैं वे
बहनोंसे युक्त
एक ही वासस्थान में निवास करनेवाली
दृढ़तासे जुड़ा रह
सत्य ही जिसका विधान है उसे
विचारोंमें सत्यमय
वे जो स्पर्श करते हैं
संग्रामों मे
ऊपर
(जिसकी) चोट पड़ने पर
माप कर
संकुचित
व प्रवाहित हो उठीं
शक्ति
सुरक्षित सत्तामें
हर जगह
चिन्तनमें यथार्थ
पूर्ण विचारक
सुगमतासे प्राप्त होनेवाला
गरजता हुआ
स्तुति-गायक
burning
it falls asunder
to inspiration
thore who hear word
one with the sisters
living in their common dwelling
cling
to one whose law of being is the Truth
true in (his) thoughts
saviour
those who touch
in battles
over
in (whose) shock
having measured
contracted
they flowed
the Force
in safe being
everywhere
just in (his) thinking
the perfect thinker
easy of access
thundering
one who chants
167.
५२५
स्थाताम्
स्योनशीः
स्व:
स्वधावः
स्वाद्मा
ह
हविष्कृतम्
हवीमभिः
हव्यवाट्
हितमित्रः
हुवेम
हृषीवतः
होता
होत्राभिः
हवये (उप-)
स्थावर वस्तुओं का
सुखसे लेटा हुआ
सूर्य-लोक
हे स्वयं-स्थित( अग्ने)
मधुमय बनानेवाला या स्वाद लेनेवाला
जो हवियोंका सर्जन करता है उसे
देवोंका आवाहन करनेवाले सूक्तोंके द्वारा
हमारी भेटोंका वहन करनेवाला
हितकारा मित्र
हम पुकारें
आनंदमय (अग्नि) का
आवाहन करनेवाला पुरोहित
हविओंकी महानता से
मैं आवाहन करता हूं
of things stable
lying happily
sun-world
world of the sun
o thou who hast the self-fixity
the sweetener or the taster of all fruits
to one who creates the offerings
with hymns that summon the Gods
the bearer of offerings
good and friendly
may we call
of the joyful (Fire)
priest of invocation
by the greatness of the oblation
I call
५२६
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