The Mother’s commentaries on Sri Aurobindo’s 'Thoughts and Aphorisms' spoken or written in French.
The Mother’s commentaries on Sri Aurobindo’s 'Thoughts and Aphorisms' were given over the twelve-year period from 1958 to 1970. All the Mother's commentaries were spoken or written in French. She also translated Sri Aurobindo's text into French.
प्रकाशकीय वक्तव्य
माताजीने श्रीअरविन्दके 'विचार और सूत्र' की ये व्याख्याएं सन् १९५८ से १९७० तक प्रायः १२ वर्षोकी अवधिमें की थीं । ये व्याख्याएं आकार और प्रकारमें भित्र-भित्र तरहकी हैं और इन्हें चार कालोंमें विभक्त किया जा सकता है :
पहला : १९५८ (सूत्र १-१२) : ये व्याख्याएं आश्रमके खेलके मैदानमें ''बुधवारकी क्लासों" में आश्रमके विधार्थियों, अध्यापकों तथा साधकोंके सम्मुख प्रश्नोंके उत्तरके रूपमें दी गयी थीं । (ये क्लासें १९५८ में बंद हो गयीं : उसके बाद माताजी अपने कमरेमें व्यक्तिगत रूपसे अथवा छोटे-छोटे दलोंमें लोगोंसे बातें करने लगीं ।)
दूसरा : १९६० (सूत्र १३-६८) : ये शारीरिक शिक्षणके एक युवक दल-नायकके लिखित प्रश्नोंके माताजी दुरा दिये गये अधिकांश लिखित उत्तर हैं, कुछ उत्तर मौखिक दिये गये थे ।
तीसरा : १९६२- ६६ ( सूत्र ६९- १२४) : ये एक शिष्यको दिये गये मौखिक उत्तर हैं । इस अवधीमें माताजी सूत्रोंकी अपनी व्याख्यासे धीरे-धीरे अलग होती गयीं और इन अवसरोंका उपयोग उन दिनों होनेवाले अपने अनुभवोंकी व्याख्या करनेमें करने लगी ।
चौथा : १९६९-७० (सूत्र १२५-५४१) : ये उपर्युक्त दल-नायकको लिखे गये संक्षिप्त उत्तर है ।
श्रीअरविन्दके 'विचार और सूत्र' लगभग सन् १९१० और १९१५ के बीच लिखे गये थे । श्रीअरविन्दने उनका संशोधन या संपादन नहीं किया । ये मूल अंगरेजीमें सबसे पहले.: १९५८ में प्रकाशित हुए और इन्हें श्रीअरविन्दके ही किये हुए विभाजनके अनुसार इन तीन भागोंमें बांट दिया गया था : ज्ञान, कर्म और भक्ति ।
माताजीकी सभी व्याख्याएं, चाहे मौखिक हों या लिखित, मूल फ्रेंच भाषामें थीं । प्रथम बार कुछ सूत्रोंकी व्याख्याएं १९५९ में फ्रेंच भाषामें 'पांसे ए आफोरिज्म : त्रादयूई ए कमांते पार ला मैर' शीर्षकसे प्रकाशित हुई ।
इनका हिन्दी अनुवाद पहली बार 'श्रीमातृवाणी' के इस खंडमें छप रहा है । शेष व्याख्याएं त्रैमासिक 'श्रीअरविन्द अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा-केंद्र पत्रिका' में फ्रेंच, अंगरेजी और हिन्दी भाषाओंमें क्रमश: छपती रहीं । 'पांसे ए आफोरिज्म : त्रादयूई ए कमाते पार ला मैर' नामकी पूरी फ्रेंच भाषाकी पुस्तकका पहला संस्करण दो भागोंमें सन् १९७४ और १९७६ में प्रकाशित हुआ ।
'श्रीमातृवाणी' (शताब्दी संस्करण ) का यह दसवां खंड उस पुस्तकका पहला पूरा हिन्दी संस्करण है । और अनुवादोंकी तरह यह अनुवाद भी शिक्षा-केंद्रके हिन्दी विभागने उन लोगोंके लिये किया है जो मूल फ्रेंच नहीं पक्ष सकते ।
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